मंगलवार, 1 जून 2010

ग्रहों का परस्पर सम्बन्ध

ग्रहों का परस्पर सम्बन्ध

(१)
क्षेत्र सम्बन्ध
यदि दो ग्रह एक दूसरे की राशि में हों.
(२)
दृष्टि सम्बन्ध
यदि दो ग्रह एक दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखते हों.
(३)
अधिष्ठित राशीश दृष्टि सम्बन्ध
जिस राशि में ग्रह हो उस राशि के स्वामी से पूर्ण दृष्ट हो.
(४)
युति सम्बन्ध
यदि दो ग्रह एक ही राशि में स्थित हों.

  • क्षेत्र सम्बन्ध सर्वश्रेष्ठ है.
  • दृष्टि सम्बन्ध श्रेष्ठ है.
  • अधिष्ठित राशीश दृष्टि सम्बन्ध मध्यम है.
  • युति सम्बन्ध सामान्य है.
ü      इन संबंधों का बल व प्रभाव क्रमशः क्षीणतर होता जाता है.
ü      फलदीपिकानुसार परस्पर केन्द्र व त्रिकोण में स्थित ग्रह भी परस्पर संबंधी होते हैं. 


संकलनकर्ता : अम्बरीष 

कोई टिप्पणी नहीं: